अधीर मत हो मन
अधीर मत हो मन
ये दिन भी जाएंगे
हसते मुस्कुराते खुशी के पल
वापस लौट के आएंगे
तब तक तू धीरज से काम ले
खुदही खुदको थाम ले
रूककर जरा सोच कुछ समय
तभी तो थमेगा ये बिन बुलाया प्रलय
आज तू अगर रुक गया
समझ बहुत कुछ पाएगा
आनेवाला हर दिन
खुशी भरभर के लाएगा
अधीर मत हो मन
तू ही तुझको संभाल सकता है
तेरा संयम तेरे लिए
वरदान बन सकता है
थोड़े दिन खामोश रहके
अपनी ताकत बढा के तो देख
हर कोई जुटा है इसी कश्मकश में
तू जरा नजर उठा के तो देख
तू अपनी मर्जी का मालिक है
सारी दुनिया जानती है
इसीलिए तो तू खुदको रोक
ना बिना बात के कर नोंक झोंक
मिले हुए पलों में खुशियां बटोर ले
चार दिन अपनों के साथ बाँट ले
सबकुछ अब तुझपे निर्भर है
तेरे ही हाथों में कल की डोर है
इसीलिए कहती हूँ
अधीर मत हो मन
उम्मीद से भर दे तू
आज मेरा आँगन
#गौरीहर्षल
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